आज हम इस पोस्ट में Guru Nanak Jayanti 2019 के बारे में कुछ खास बातें बताने वाले हैं। गुरु नानक जयंती 2019 कब मनाई जाएगी
दोस्तों इस साल गुरु नानक जयंती 23 नवंबर 2019 को मनाई जाएगी। और सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव का जन्मदिन को प्रकाश उत्सव के तौर पर भी मनाया जाता है । गांव या पूरे शहर में रंग-बिरंगे दीपावली के लाइट वहां बल्ब से सजा दिया जाता है। और इनका जन्म दिन हमेशा कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता है।
गुरु नानक बचपन से ही समझदार थे , उन्हें हिंदी और फारसी भाषा का बहुत अच्छा ज्ञान था, गुरु नानक ने कई ग्रंथों की रचना भी की इनमें से एक गुरुमुखी की रचना है। जो कि बहुत ही प्रमुख रचनाएं है । इन्होंने बिना सन्यास धारण किए हुए ही अहिंसा की राह को चुना। उन्होंने बताया कि मनुष्य को संन्यासी बनकर अपने कर्तव्य से पीछे हटने का अधिकार नहीं है ।
गुरु नानक देव जीवनी । Guru Nanak Jayanti In Hindi
गुरु नानक का पूरा नाम – श्री गुरु नानक देव जी है , और उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 में गांव तलवाड़ी शेइखुपुरा डिस्ट्रिक्ट मैं हुआ , जो पंजाब के लाहौर से पाकिस्तान के 65 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। और इनकी मृत्यु 22 दिसंबर 1547 कपूर मुगल के साम्राज्य पाकिस्तान में हुआ।
उनके पिता का कालूचंद्र बेदी और माता का नाम त्रिता है। और इनके पिता किसी गांव के स्थानीय राजस्व प्रशासन के अधिकारी थे।
नानक जी अपने बचपन में बहुत ही समझदार थे, और इन्हें हिंदी और फांसी भाषा का बहुत अच्छा ज्ञान था इन्होंने दो विवाह किया था, पहला विवाह वर्ष 1487 ने किया और 2 पुत्र भी हुए फिर उसके बाद दूसरा विवाह 1491 ने किया।
25 वर्ष की अवस्था में ही इनके प्रथम पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम गुरु नानक ने श्री चंद्र रखा, और दूसरे बेटा का नाम लख्मी दास रखा। दोनों लड़कों के जन्म के बाद नानक ने अपना घर छोड़कर अपने 4 मित्रों के साथ जिनका नाम – मर्दाना,लहाना ,बाला, और रामादास इन चारों साथियों के लिए तीर्थयात्रा के लिए निकल पड़े । और चारों दिशा में घूम कर इन्होंने उपदेश देने लगे । उन्होंने अपने जीवन में भारत, अफगानिस्तान और अरब के मुख्य स्थानों पर भ्रमण किया। और वहां के निवासियों के अंदर रहने वाले भ्रम को मिटाया।
उन्होंने कहा कि ईश्वर एक है हमें सिर्फ एक ही ईश्वर को सच्चे दिल से प्रार्थना करनी चाहिए। और इस संसार में ना ही हिंदू और ना ही मुस्लिम है सभी एक ही प्रकार के प्राणी है । यह जीवन भर संघर्ष करते रहे, और लोगों को उपदेश देते रहें।
1485 में इनकी मुलाकात मुस्लिम कवि से हुई । जो सुल्तानपुर के मुसलमानों के सांसद थे , जिसका नाम मिरासी था । और उसी से भविष्यवाणी करना सिखा।
वर्ष 1496 में उन्होंने अपना पहला भविष्यवाणी किया। उन्होंने कहा कोई भी हिंदू और ना ही मुसलमान है । और कहा कि यहां सबसे महत्वपूर्ण घोषणा है, उन्होंने कहा की यह सिर्फ मेरी घोषणा नहीं है यह उस ईश्वर की भी घोषणाएं है। उनका कहना था , कि जो भी मनुष्य का जन्म पर हुआ है , उसकी मृत्यु भी एक दिन अवश्य होती है। इसलिए आपके पास अत्यधिक कोई चीज उपस्थित है , तो उसे दान करते रहे।
नानक एक बहुत ही अच्छे कवि बन चुके थे इनका दिल अधिक कोमल और प्रकृति के अभिभावक होकर एक ऐसे व्यक्ति थे । जो फारसी, पंजाबी, खड़ी बोली , अरबी , मुल्लानी इन भाषाओं में कई प्रकार की कविता रची है ।
गुरु नानक देव जी के प्रमुख ग्रंथ है जो इस प्रकार है
जपजी ,Sidh gohst, सोहिला, दखनी, आसा दी वार ,Patti, बारह माह
गुरु नानक देव जी के सिद्धांत : Guru Nanak Ji Sidhant
गुरु नानक के सिद्धांतों को सिख धर्म में बताया गया है। और अनेक प्रकार के लोग आज भी इसी सिद्धांत पर आधारित है , और कार्य करते हैं।
1) ईश्वर एक है और जब ईश्वर एक है उन्हें एक ही स्वर की हमेशा पूजा करनी चाहिए।
2) ईश्वर हर स्थान हर प्राणी के अंदर विराजते हैं।
3) सभी मनुष्य एक समान है चाहे वह स्त्री हो । क्योंकि दोनों को इस संसार में जीने का पूरा अधिकार है।
4) शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें भोजन की आवश्यकता होती है लेकिन लालच की भाव से हमें भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
5) हमेशा इमानदारी से कार्य करते रहना चाहिए। अगर आप की आमदनी ज्यादा होती है , तो जरूरतमंद लोगों को दान कर देना चाहिए।
6) अपने तन मन निष्ठा भाव से प्रभु की उपासना करनी चाहिए।
7) ईश्वर की शरण में आए भक्तों को किसी भी प्रकार का डर नहीं होना चाहिए।
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